अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी का ब्रेन स्ट्रोक से निधन; लखनऊ PGI में ली अंतिम सांस, रामलला की सेवा में 30 साल से ज्यादा गुजारे
Ayodhya Ram Mandir Pujari Acharya Satyendra Das Death
Ayodhya Pujari Satyendra Das: अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज का निधन हो गया है। आचार्य सत्येंद्र दास ने बुधवार सुबह 8 बजे के करीब लखनऊ PGI में अंतिम सांस ली। उन्हें 3 फरवरी को ब्रेन स्ट्रोक के बाद पीजीआई में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका लगातार इलाज चल रहा था। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। आचार्य सत्येंद्र दास की उम्र 87 साल के करीब थी।
वहीं आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) का पार्थिव शरीर लखनऊ अस्पताल से अयोध्या के लिए रवाना कर दिया गया है, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। आचार्य सत्येंद्र दास के निधन से उनके सभी शिष्यों एवं अनुयायियों को गहरा दुख पहुंचा है। साथ ही तमाम धर्म गुरुओं और संत-महात्माओं में भी शोक की लहर दौड़ गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय व मन्दिर व्यवस्था से जुड़े अन्य लोगों ने मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी के देहावसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
CM योगी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की
आचार्य सत्येंद्र दास के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दुख व्यक्त किया है। CM योगी ने कहा- परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!
गौरतलब है कि, आचार्य सत्येंद्र दास के इलाज के दौरान मुख्यमंत्री योगी 4 फरवरी को लखनऊ PGI पहुंचे थे और आचार्य सत्येंद्र दास का हालचाल जाना था। उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। वहीं सीएम योगी ने डॉक्टरों से इलाज की प्रगति पर चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। ज्ञात रहे कि, आचार्य सत्येंद्र दास की बढ़ती उम्र के चलते वह काफी समय से बीमार थे। इससे पहले उन्हें 15 अक्टूबर को भी हालत बिगड़ने पर पीजीआई में भर्ती किया गया था. उन्हें अयोध्या से लखनऊ लाया गया था।
रामलला की सेवा में 30 साल से ज्यादा गुजारे
आज माघ पूर्णिमा के पवित्र दिन पर आचार्य सत्येंद्र दास ने शरीर त्यागा है और प्रभु राम के पास बैकुंठ पहुंच गए हैं। आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज ने मुख्य पुजारी के तौर पर रामलला की सेवा में 30 साल से ज्यादा गुजारे। आचार्य सत्येंद्र दास को 1993 में राम जन्मभूमि का पुजारी नियुक्त किया गया था। जिसके बाद वे वर्ष 1993 से बतौर पुजारी श्री रामलला की सेवा पूजा करते आ रहे थे। मुख्य अर्चक के रूप में 100 से 38,500 तक वेतन पर उन्होंने सेवा की। साथ ही टेंट से लेकर भव्य मन्दिर तक रामलला को विराजते देखा।
आचार्य सत्येंद्र दास के बारे में
जानकारी के अनुसार, आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) का जन्म संतकबीरनगर में 20 मई 1945 को जन्म लेने वाले आचार्य सत्येंद्र दास बचपन से ही भक्ति भाव में मगन रहते थे। पिता अक्सर अयोध्या में अभिराम दास जी के आश्रम जाया करते थे तो वह भी साथ होते थे। आचार्य सत्येंद्र दास अभिराम दास जी से से बड़े प्रभावित थे। यही वजह थी उन्होंने संन्यास ले लिया। वर्ष 1958 में उन्होंने घर त्याग दिया और अभिराम दास जी के आश्रम में ही रहने लगे। आचार्य सत्येंद्र दास गुरुकुल पद्धति से पढ़ते थे। 12वीं तक संस्कृत से पढ़ाई के साथ साथ वो प्रभु रामलला का पूजा-पाठ भी करते रहे।
वहीं साल 1976 में वह अयोध्या के ही संस्कृत महाविद्यालय के व्याकरण विभाग में 75 रुपए मासिक वेतन पर शिक्षक बन गए। वह राम जन्मभूमि में भी पूजा पाठ करते थे जहां से उन्हें 100 रुपए वेतन मिलता था। 30 जून 2007 को शिक्षक पद से रिटायर हुए तो राम जन्मभूमि में उन्हें 13 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन मिलने लगा। इसके बाद उनका वेतन आगे और बढ़ता गया। आचार्य सत्येंद्र दास 30 साल से ज्यादा समय से रामजन्मभूमि मंदिर में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे।
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